चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में विभिन्न स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया 10 जून तक चलेगी। विश्वविद्यालय में स्नातक कोर्स में प्रवेश के लिए 10वीं के बाद कृषि एप्टीट्यूड टेस्ट के माध्यम से 2+4 वर्षीय बी.एससी. (ऑनर्स) कृषि कार्यक्रम शामिल है। वहीं, 12वीं के बाद चार वर्षीय कोर्स में बी.एससी. (ऑनर्स) कृषि, बी.एफ.एससी. (मत्स्य विज्ञान), बी.एससी. (ऑनर्स) सामुदायिक विज्ञान और बी.एससी. (ऑनर्स) कृषि व्यापार प्रबंधन के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। बी.टेक (कृषि इंजीनियरिंग) और बी.टेक (कृषि इंजीनियरिंग) एलईईटी के प्रवेश हरियाणा राज्य परामर्श सोसायटी द्वारा आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा एलईईटी की मेरिट के आधार पर होंगे।
इन पाठ्यक्रमों में कॉमन इंटरेस्ट टेस्ट
विश्वविद्यालय के शिक्षक बताते हैं कि विभिन्न कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश सामान्य प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। कृषि अर्थशास्त्र, कृषि विस्तार शिक्षा, कृषि-मौसम विज्ञान, कृषि विज्ञान, फ्रूट सांइस/ फूलकल्चरल और लैंडस्केपिंग, जेनेटिक्स और प्लांट ब्रीडिंग, नेमेटोलॉजी, प्लांट पैथोलॉजी, प्लांट प्रोटेक्शन-इंटोमोलॉजी, सीड साइंस और प्रौद्योगिकी, सिल्विकल्चर और कृषिवानिकी, मृदा विज्ञान, कृषि के कॉलेज में वेजिटेबल साइंस, कृषिव्यापार प्रबंधन और व्यापार प्रबंधन में डॉक्टरेट। मूलभूत और मानविका कॉलेज में जैव-रसायन विज्ञान, रासायनिक विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान, खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी, गणित, माइक्रो-बायोलॉजी, भौतिक विज्ञान, प्लांट फिजियोलॉजी, समाजशास्त्र, सांख्यिकी और जीवविज्ञान शामिल हैं।
इन विषयों में भी कोर्स उपलब्ध
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय में परिधान और वस्त्र विज्ञान, विस्तार शिक्षा और संचार प्रबंधन, खाद्य और पोषण, मानव विकास और परिवार अध्ययन तथा संसाधन प्रबंधन और उपभोक्ता विज्ञान के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके अलावा, फार्म मशीनरी और पावर इंजीनियरिंग, मृदा और जल संरक्षण इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा इंजीनियरिंग और प्रसंस्करण और खाद्य इंजीनियरिंग के कोर्स भी उपलब्ध हैं। जैव-प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में कृषि जैव-प्रौद्योगिकी, जैव-सूचना विज्ञान और आणविक जीवविज्ञान तथा जैव-प्रौद्योगिकी के कोर्स उपलब्ध हैं, जबकि डॉक्टरेट के लिए जैव-सूचना विज्ञान, आणविक जीवविज्ञान और जैव-प्रौद्योगिकी के कोर्सों में इच्छुक छात्र प्रवेश ले सकते हैं।
कॉलेज ऑफ फिशरीज साइंस
विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने बताया कि कॉलेज ऑफ फिशरीज साइंस में विभिन्न विषयों का अध्ययन किया जाता है, जैसे कि एक्वाकल्चर, एक्वाटिक एनिमल हेल्थ मैनेजमेंट, फिश प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, फिशरीज रिसोर्स मैनेजमेंट, एक्वाटिक एनवायरमेंट मैनेजमेंट, फिश इंजीनियरिंग, फिशरीज एक्सटेंशन, और फिशरीज इकोनॉमिक्स। इसके अतिरिक्त, सीएसआईआर-यूजीसी-जेआरएफ और आईसीएआर के छात्रों के अलावा, पीएचडी के छात्रों को दूसरे सेमेस्टर (2024-25) में प्रवेश मिलेगा। इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड एग्रीप्रेन्युरशिप, गुरुग्राम, में विभिन्न पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं, जैसे कि एमबीए एग्री-बिजनेस, एमबीए जनरल, मास्टर्स इन रुरल मैनेजमेंट, और पीएचडी इन रुरल मैनेजमेंट।
हरियाणा का स्थाई निवासी अनिवार्य
विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने बताया कि पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम में कम्यूनिकेशन स्किल्स इन इंग्लिश, इंग्लिश-हिंदी ट्रांसलेशन, रिमोट सेंसिंग और जियोग्रेफिकल इनफॉर्मेशन सिस्टम एप्लीकेशन इन एग्रीकल्चर और एनवायरमेंट कोर्सेज में शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए हरियाणा प्रदेश का स्थायी निवास अनिवार्य है। ऑनलाइन आवेदन फॉर्म और प्रोस्पेक्टस विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आवेदन फीस 1500 रुपये, और अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, और पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग) उम्मीदवारों के लिए 375 रुपए। इसके अलावा, उपलब्ध सीटों की संख्या और महत्वपूर्ण तिथियाँ आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
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