हरियाणा सरकार ने किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और फसल उत्पादन में सुधार लाने के लिए “हरियाणा कपास अनुदान योजना” शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के कपास किसानों को उन्नत खेती तकनीकों के उपयोग हेतु प्रोत्साहित करना और उनके उत्पादन लागत को कम करना है। इस लेख में हम योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे, जिसमें इसके लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है।
हरियाणा कपास अनुदान योजना का उद्देश्य
हरियाणा कपास अनुदान योजना का उद्देश्य राज्य में सूक्ष्म पोषक तत्वों और एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) के उपयोग को बढ़ावा देना है। योजना के तहत, किसानों को प्रति एकड़ 2000 रुपये का अनुदान प्रदान किया जाता है ताकि वे सही पोषक तत्वों और कीटनाशकों का उपयोग करके कपास की फसल को नुकसान से बचा सकें और बेहतर उत्पादन हासिल कर सकें। राज्य सरकार की यह योजना कपास की फसल पर किसानों की निर्भरता को मजबूत बनाती है, साथ ही उनकी आय को बढ़ाने में भी सहायक है।
हरियाणा कपास अनुदान योजना के लाभ
- अनुदान राशि: इस योजना के तहत किसानों को 50% या अधिकतम 2000 रुपये प्रति एकड़ की सब्सिडी दी जाती है, जो कि 2 एकड़ तक के क्षेत्र के लिए लागू होती है।
- सीधा बैंक खाते में अनुदान: सभी आवश्यक दस्तावेजों और फसल का सत्यापन होने के बाद सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा की जाती है। इससे भ्रष्टाचार की संभावना को कम किया गया है और किसानों को सीधे लाभ मिलता है।
- सुधारित खेती तकनीक: इस योजना के माध्यम से किसानों को उन्नत पोषक तत्वों और कीट प्रबंधन विधियों का लाभ मिलता है, जो फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ावा देने में सहायक होता है।
हरियाणा कपास अनुदान योजना पात्रता मानदंड
- मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण: इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को “मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पोर्टल पर पंजीकरण करने के बाद ही वे अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- भूमि की सीमा: इस योजना का लाभ केवल 2 एकड़ तक के क्षेत्र के लिए ही दिया जाता है। यदि किसान 2 एकड़ से अधिक क्षेत्र पर कपास की खेती करते हैं, तो भी उन्हें अधिकतम 2 एकड़ तक का अनुदान मिलेगा।
- सरकारी या अधिकृत विक्रेताओं से सामग्री खरीदना: किसान को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की सिफारिशों के अनुसार ही खाद, कीटनाशक या सूक्ष्म पोषक तत्व सरकारी/अर्ध सरकारी/सहकारी समिति या अधिकृत विक्रेता से खरीदने होंगे।
हरियाणा कपास अनुदान योजना आवश्यक दस्तावेज़
- मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल का प्रिंटआउट
- परिवार पहचान पत्र (PPP)
- कपास की फसल से संबंधित सभी बिल जैसे कि सूक्ष्म पोषक तत्व और आईपीएम के बिल
इन दस्तावेज़ों को पोर्टल पर अपलोड करने के बाद कृषि विभाग द्वारा उनकी जाँच की जाती है और फिर अनुदान की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में भेज दी जाती है।
हरियाणा कपास अनुदान योजना आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। इसके लिए किसान को अपनी फसल और व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करनी होती है।
- पंजीकरण के बाद, किसान को हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने कपास की फसल का पूरा विवरण देना होगा।
- जो भी पोषक तत्व, खाद या कीटनाशक खरीदे गए हैं, उनके बिल पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी है ताकि अनुदान प्राप्त किया जा सके।
- कृषि विभाग द्वारा किसान की भूमि और अपलोड किए गए बिलों की जाँच की जाएगी। जाँच पूरी होने के बाद, अनुदान की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
हरियाणा कपास अनुदान योजना से संबंधित तिथियाँ और आवेदन शुल्क
वर्ष 2024-25 के लिए हरियाणा कपास अनुदान योजना में आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2024 थी। इस योजना में आवेदन करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया गया है। किसान बिना किसी शुल्क के इस योजना में आवेदन कर सकते हैं और इसके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
हरियाणा कपास अनुदान योजना का क्षेत्र और कार्यान्वयन
हरियाणा कपास अनुदान योजना को राज्य के 17 जिलों में लागू किया गया है, जिसमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, रोहतक, झज्जर, नारनौल, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, गुरुग्राम, रेवाड़ी, भिवानी, चरखी दादरी, पानीपत, सोनीपत और कैथल शामिल हैं। इन जिलों के किसानों को सूक्ष्म पोषक तत्व और एकीकृत कीट प्रबंधन का लाभ दिया जा रहा है।
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