प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है। इसके अंतर्गत हर पात्र किसान को हर चार महीने में 2,000 रुपये की तीन किस्तों में कुल 6,000 रुपये सालाना दिए जाते हैं। हाल ही में, 5 अक्टूबर 2024 को, 18वीं किस्त जारी की गई है, जो किसानों के बैंक खातों में जमा हो चुकी है।
पीएम किसान योजना की मुख्य जानकारी
PM-KISAN योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे कृषि से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा कर सकें। इस योजना के तहत किसानों को बिना किसी परेशानी के आर्थिक सहायता मिलती है, जिससे उन्हें खेती-बाड़ी के खर्चों में मदद मिलती है।
इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलता है जो पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, जैसे कि आधार कार्ड से लिंक बैंक खाता होना, भूमि के स्वामित्व का प्रमाण आदि। योजना से जुड़े कुछ मुख्य दस्तावेजों में पहचान पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि के दस्तावेज़, निवास प्रमाण पत्र आदि शामिल हैं।
पीएम किसान योजना की ई-केवाईसी प्रक्रिया
वर्तमान में कई किसानों को किस्त प्राप्त नहीं हुई है, जिसका कारण उनकी ई-केवाईसी (KYC) प्रक्रिया का पूरा न होना हो सकता है। सभी लाभार्थियों के लिए यह ज़रूरी है कि वे अपने आधार कार्ड का वेरिफिकेशन और ई-केवाईसी पूरी कराएं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही रुकी हुई किस्त उनके बैंक खाते में जमा होगी।
पीएम किसान योजना का स्टेटस कैसे चेक करें?
- योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं।
- मुख्य पृष्ठ पर “Beneficiary Status” विकल्प चुनें।
- अपना पंजीकरण नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें।
- “Get Data” पर क्लिक करने के बाद आपके खाते की जानकारी स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी, जिससे आप अपनी किस्तों की स्थिति जान सकते हैं।
पंजीकरण और लाभार्थियों की जानकारी
यदि कोई किसान इस योजना के तहत अब तक पंजीकृत नहीं है, तो वह सरकार की वेबसाइट पर जाकर आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ ऑनलाइन पंजीकरण कर सकता है। पंजीकृत होने के बाद, किसान को हर साल 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में मिलेगी। यह राशि सीधे किसान के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से ट्रांसफर की जाती है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
प्रधानमंत्री किसान योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र को सुदृढ़ बनाना है। इससे किसानों को खाद, बीज, सिंचाई, कृषि यंत्र आदि के खर्चों में सहारा मिलता है। इसके अलावा, यह योजना किसानों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे उन्हें खेती से जुड़े आर्थिक संकटों का सामना करने में सहायता मिलती है।